शो यानि दिखावा करना सबके बस का नहीं ... और मेरे तो बिल्कुल नहीं। पर जमाने के साथ चलते हुए इसकी कमी मुझे काफी खलती है। क्यों कि हर जगह इसकी जरूरत मुझे मुंह चिढ़ाती सी दिखती है।
कुछ दिनों पहले ही हमारी जानने वाली एक महिला हमसे टकराईं। यहां बता दूं कि वे खुद काफी टिप टॉप में रहती हैं यानि हमेशा बाल संवरे रहते हैं, आंखों में काजल होती है, होंठों पर लाल लिपस्टिक का रंग और कुल मिलाकर खूबसूरत भी हैं वो। शायद इसलिए किसी पर भी टिप्पणी करने का मौका अपने हाथों से जाने नहीं देती। जाहिर सी बात है मुझसे मिलते ही उन्हें अनगिनत मौके मिल जाते हैं।
ये सब भी इंटरटेनमेंट का हिस्सा है जो बोरियत भरी जिंदगी में हंसने का मौका देता है। इसलिए ही सोचा की आप सब के साथ शेयर करूं ताकि आप भी थोड़ा हंस लें। कुछ दिनों पहले ही वो मुझसे मिली थीं और मेरे ड्रेस से लेकर रबड़बैंड तक पर कमेंट कर दिया था। जैसे – वो हो सासू मां बाहर गयी हैं तो फैशनेबल ड्रेस डाल रही... रबड़बैंड तो मम्मियों के जमाने का लगाया है आपने... कहां से लायीं...। मुस्कुराती हुई मैं वहां से अपने काम के लिए आगे बढ़ गयी।
हालांकि शुरुआत में उनकी बातें बुरी लगी थी पर अब एक कान से सुनती हूं और दूसरे से निकाल देती हूं। उससे भी नहीं होता तो उनके जाते ही हवा में फूंक मारती हूं जोरदार ... नहीं समझे ... अरे, उड़ा देती हूं हवा में। जी हां हवा में। वैसे भी दिल्लीे की हवा अब साफ सुथरी कहां है।