for silent visitors

Tuesday, August 28, 2018

अनुभवों का बखान



सोचा कि आज अपने अनुभवों की बखिया उधेरूं....। आज इस बात का सौ फीसद दावा करती हूं कि मैंने अपने अनुभवों से काफी कुछ सीखा है। कई कमियां हैं मुझमें। सबसे बड़ी कमी है लोगों की पहचान करनी नहीं आती। दूसरा मैं बड़ी वाली ‘स्लोी प्रोसेसर’ हूं क्योंबकि जवाब तो आता है पर देर से।
बता दूं कि ‘स्लो‘ प्रोसेसर’ शब्द की एक अलग कहानी है मेरे पास... किसी दोस्त ने ये उपाधि दी थी मुझे। इसके अलावा अनगिनत कमियां भरी हैं मुझमें...। लोग कहते हैं मैं बदल गई हूं, उनके प्रति मेरा बिहेव काफी बदल गया है। इनसे मैं क्या कहूं क्या सफाई दूं... काश की उनसे कह पाती।
दरअसल, मैं बदली नहीं हूं अब जाकर उनकी वास्तविकता मेरे सामने आई है। मैं उन्हें पहचान गई हूं...। उनका झूठी हंसी, सहानुभूति, दिखावे का प्यार, नकली भरोसे के अंदर छिपा छलावा सबको मेरी नजरें अब ण्‍क्‍स रे मशीन की तरह देख रही है। पर डर लगता है कि कहीं इस कारण सच्चा प्यार और भरोसा भी मुझे नकली न लगने लगे।
मेरे साथ दिक्कत इस बात की है कि एक बार अगर कोई मेरी नजरों में गिरा फिर उससे हाय, हैलो तो दूर चेहरा देखना भी पसंद नहीं करती। पर ये कंडीशन और जगहों पर तो चल जाती है लेकिन फैमिली में... सब जानते हुए भी ऐसे लोगों के लिए दिल को मजबूत करना पड़ता है और जबरन उनका चेहरा देखना और रिश्तों को अहमियत देते हुए सम्मान करना मजबूरी हो गई है। कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है न इसके लिए अगर आप इसे पढ़ रहे हैं और बता सकते हैं तो प्लीज कमेंट में बताएं... इंतजार कर रही हूं।

Saturday, August 11, 2018

काश! कड़वी यादें बदल पाती मीठी यादों में...



कुछ लोगों के नाम से ही मुंह कसैला सा हो जाता है। उनसे जुड़ी कड़वी यादें दिमाग पर हथौड़े की तरह चोट करने लगती है। कल रात मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। हैं तो वो लोग काफी अपने लेकिन उनसे जुड़ी अच्छी़ यादें हैं ही नहीं मेरे रिकार्ड में कहीं भी।
नींद आंखों से कोसों दूर हो गई और वही सब दृश्यो सामने आने लगे। कानों में उनकी व्यं‍ग्य वाली आवाजें गूंजने लगीं। कितनी भी कोशिश की कि उनकी अच्छी बातें याद करूं पर कुछ है ही नहीं। दिमाग को झटकार कर सोने की भी कोशिश की पर ‘न’। जिद्दी दिमाग में एक बार कीड़ा घुस गया तो फिर किसकी हिम्मत कि उसे निकाल-बाहर करे।
दिल ही नहीं करता ऐसे लोगों के लिए कुछ करने का... पर मजबूरी ऐसी है कि न उन्हें छोड़ते बनता है न ही उन्हें नकारते।