for silent visitors

Wednesday, April 17, 2013

मेरी नानी...



रोज सुबह-शाम भगवान से प्रार्थना करती हूं घर में सुख शांति बनी रहे, संपन्नता रहे। पर अभी मन में आया कि जब से अपनी गृहस्थी में आयी हूं बहुत कम ऐसा हुआ है कि अपनी बूढ़ी नानी के लिए कभी भगवान से कुछ मांगा हो। उनकी बेहतरी की कामना की हो इस अवस्था में जब उनकी जिंदगी में उनसे कोई बड़ा नहीं है उन्हें आर्शीवाद देने को तो हम छोटों को ही उनके लिए भगवान से कहना होगा कि जितनी भी उनकी जिंदगी बची है शांति से गुजरे।
मेरी नानी जिन्होंने मेरा बचपन संवारा आज उनके आशीर्वाद से मेरे जीवन में सब ठीक है उनकी जिंदगी के बचे हुए समय में मैं उनकी सेवा नहीं कर पा रही। बहुत दुख है मन में और खुद को सांत्वना देती हूं कि क्या करूं मेरा छोटा बच्चा है, परिवार है, नौकरी है... पर कहीं न कहीं दिमाग में यह बात चलती है कि यह नानी के साथ छल है, धोखा है। जब मुझे उनके पास होना चाहिए इतनी दूर हूं।
 आज भगवान से दिल से प्रार्थना करती हूं मेरी नानी को स्वस्थ कर दे उनकी तकलीफें दूर कर दो भगवान। आप भी मेरी नानी के लिए प्रार्थना करें।