तुम रो रहे थे और मैंने तुम्हें हंसाने के लिए बोल दिया अरे देखो तुम्हारे गालों पर मोती और अपनी उंगली से सहेज कर रख दिया तुम्हारे पॉकेट में... हंसी आ गई तुम्हें. इस बात को दो तीन दिन हो गए. मैं भूल गई.पर शायद तुम्हें अच्छा लगा था तभी तो कल रात रोते हुए तुमने कहा...मम्मा तकिया पर गिर गया मोती...हंसी आ गई तुम्हारी इस मासूमियत भरे अंदाज पर...
पर मैं कभी नहीं चाहूंगी कि ये कीमती मोती तुम्हारी आंखों से बाहर आए हां दुआ यही रहेगी कि ये मोती हंसी के रूप में तुम्हारे चेहरे पर हमेशा खिलती रहे.