कुछ कहना है...
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Monday, March 8, 2010
एक दिन हमारा और बाकी का..!
आज लोग अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं। लोग क्या औरतें मना रही हैं अपना एक दिन। क्यों हमारा एक दिन और बाकी के दिन क्या पुरुषों के लिए। हम औरतें भी न खुद को दया का पात्र बना लेती हैं।
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