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Tuesday, September 16, 2025
बढ़ती उम्र के साथ नए अहसास और जज्बात
केवल किशोरावस्था या यौवन की दहलीज पर नए अहसास नहीं होते। जीवन के चार दशक पार करने पर भी नए जज्बातों और अहसासों का मेला लगा रहता है। इस उम्र में भी उम्मीदें होती हैं, सुंदर और आकर्षक लगने की। लेकिन आंटी-अंकल कहकर दरकिनार कर देती है नई पीढ़ी।
सबसे पहले परिपक्व समझे जाने लगते हैं, आपसे किसी तरह की गलती की उम्मीद नहीं होती। हमेशा मैच्योर बने रहो, हर जगह हंसना नहीं। अपने से कम उम्र वालों के साथ हंसी-मजाक तो बिल्कुल नहीं करनी, लोग हल्के में लेते हैं। ऐसी न जाने कितनी ही सलाह, खासकर यदि कोई महिला हो।
इन्हें कोई ये बात क्यों नहीं समझाता कि बढ़ती उम्र के साथ इच्छाएं खत्म नहीं हो जातीं बल्कि और बढ़ती हैं। क्योंकि यही उम्र है जब बच्चों के लंच, होमवर्क और किचन की चिकचिक से छुटकारा मिलता है।
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