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Wednesday, February 1, 2023
समझ में आने लगा है- "अनुभव" किसे कहते हैं
अब मैं भी कहती हूं यूं हीं धूप में सफेद नहीं हुए हैं मेरे बाल। चेहरे पर नासमझी और मासूमियत नहीं बल्कि दिखने लगी हैं समझ और अनुभव की लकीरें।
जिंदगी के सफर में अनुभव किसे कहते हैं, अब यह समझ में आने लगा है। हालात के साथ सामने वाला किस अंदाज में बदलता है इसके भी अनेकों उदाहरण मिल चुके हैं अब तक।
कोई फोन नहीं उठाता या फिर किस तरह प्रतिक्रिया देता है अब इसके पीछे का मतलब तुरंत समझ आ जाता है। सभी की उम्मीद पर खरा उतरने की कोशिश करते-करते थकान सी महसूस होने लगी है। अब तो सीधा दिमाग में आता है् ...में जाओ।
40 के करीब पहुंच चुकी हूं और एक निश्छल प्यार अपनी सगी मां का ही दिखता है जिसमें कोई स्वार्थ नहीं, न किसी तरह का छल और न ही दिखावा। कितनी ही झल्लाहट के साथ बोल दूं वो कभी नाराज नहीं होती न ही दिल से उन बातों को लगाती है। उल्टा उनके दिल में मेरे लिए सहानुभूति आती है कुछ देर बाद फिर फोन कर पूछती हैं सब ठीक है न। भगवान उनको सेहतमंद रखे और उनका आशीर्वाद हम भाई बहनों पर सदैव बनाए रखे।
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True love is an experience in itself...
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