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Saturday, February 13, 2010

कुछ कहना है मुझे

काफी दिनों से सोच रही हूं कि अपने दिल की बात किस को बताई जाए पर कोई ऐसा नहीं दिखता जिसे बताऊं तो सोचा ब्लाग का ही सहारा ले लेती हूं।
ऐसा होता है न कि कभी कोई आपको सुनना न चाहे और आप किसी बात को लेकर घुट रही हो तो किसी को बताने से मन हल्का हो जाता है बस यही प्रॉब्लम मेरे साथ भी हो रही थी।
ब्लाग पर अपने दिल की बात डाल दूंगी जिसका मन हो पढे जिसका न हो न पढे।
बस बना डाला अपना अकाउंट पर आज लिखने बैठी हूं क्योंकि खुद को बड़ा अकेला महसूस कर रही हूं। कोई आस-पास नहीं दिखता आप लोगों को भी लगता है क्या कभी ऐसा क्या करते हैं तब आप..। प्लीज मुझे बताएं

3 comments:

  1. सही जगह आ गई हैं आप. स्वागत है आपका. लिखिये मन के विचार यहाँ पर, बहुत सुनने वाले मिलेंगे. शुभकामनाएँ.

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  2. धन्यवाद उड़नतश्तरी जी।

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  3. Blog ki duniya mein aapka swagat hai..
    Apne man ki baat bejhijhak kahiye..
    Bahut shubhkamnaynen

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